Monday, December 3, 2012

दोसर चरणक पहिल सगर राति दीप जरय दरभंगामे सम्पन्न- डिजिटल फॉर्ममे ३७ टा पोथीक लोकार्पण (रिपोर्ट उमेश मण्डल)


दि‍नांक १ दि‍सम्‍बरक साँझ ६ बजेसँ भि‍नसर ६ बजे धरि‍ दरभंगाक कटहलवाड़ी स्‍थि‍त एम.एम.टी.एम महावि‍द्यालयक प्रेक्षागारमे सगर राति‍ दीप जरय-कथा गोष्‍ठीक आयोजन अरवि‍न्‍द ठाकुर जीक संयोजकत्‍वमे भेल। ऐ गोष्‍ठीक उद्घाटन डी.आइ.जी. राकेश कुमार मि‍श्र दीप प्रज्‍वलि‍त कऽ केलनि‍। डॉ. भीम नाथ झाक अध्‍यक्षता एवं अजीत आजाद जीक संचालनमे ऐ भरि‍ राति‍क कार्यक्रमकेँ तीन सत्रमे बाँटि‍ आगू बढ़ाओल गेल। पहि‍ल सत्र छलै उद्घाटनक दोसर लोकार्पण आ तेसर कथा वाचन सह समीक्षाक।
सत्रक आरम्‍भ श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल लि‍खि‍त एगारह गोट पोथीक लोकार्पण जे पी.डी.एफ फाइलमे सी.डी.क रूपमे भेल जेकर वि‍वरण एना अछि‍-
1. गीतांजलि‍ (गीत संग्रह) 2. इन्‍द्रधनुषी अकास (कवि‍ता संग्रह) 3. तीन जेठ एगारहम माघ (गीत संग्रह) 4. राति‍-दीन (कवि‍ता) 5. अर्द्धांगि‍नी.. सरोजनी.. सुभद्रा.. भाइक सि‍नेह इत्‍यादि‍ (लघुकथा संग्रह) 6. शंभुदास (दीर्घकथा संग्रह) 7. बजन्‍ता-बुझन्‍ता (वि‍हनि‍ कथा संग्रह) 8. कम्‍प्रोमाइज (नाटक) 9. झमेलि‍या बि‍आह (नाटक) 10. पंचवटी (एकांकी संचयन) 11. सतभैंया पोखरि‍ (लघुकथा संग्रह)। तकर बाद श्री गजेन्‍द्र  ठाकुर लि‍खि‍ल 9 गोट पोथी 1. प्रबन्ध-निबन्ध-समालोचना भाग-१, 2 सहस्रबाढ़नि (उपन्यास), 3 सहस्राब्दीक चौपड़ि‍पर (पद्य संग्रह), 4 गल्प-गुच्छ (विहनि आ लघु कथा संग्रह), 5 संकर्षण (नाटक), 6 त्वञ्चाहञ्च आ असञ्जाति मन (दूटा गीत प्रबन्ध), 7 बाल मण्डली/ किशोर जगत (बाल नाटक, कथा, कविता आदि), 8 उल्कामुख (नाटक) आ The Comet जे सहस्रबाढ़नि (उपन्यास)क अंग्रेजी अनुवाद अछि‍ अनुवादक थि‍कीह श्रीमती ज्‍योि‍त सुनीत चौधरी। एही कड़ीमे ऐ दुनू रचनाकारक अलादा वि‍देह-सदेह भाग-५सँ१० धरि‍क संकलन जे वि‍देह मैथि‍ली लघुकथा, वि‍देह मैथि‍ली नाट्य उत्‍सव, वि‍देह मैथि‍ली पद्य, वि‍देह मैथि‍ली प्रवन्‍ध-नि‍वन्‍ध, वि‍देह शि‍शु उत्‍सव आ वि‍देह मैथि‍ली वि‍हनि‍ कथाक छल। ततबे नै एगारहटा आर रचनाकारक पोथी सी.डी. रूपमे सबहक बीच आएल जइमे १. वर्णित रस- (कवि‍ता संग्रह) उमेश पासवान (औरहा, मधुबनी), २. नव अंशु- (गजल, रूवाइ आ कता संग्रह) अमीत मि‍श्र (करि‍यन, समस्‍तीपुर), ३. रथक चक्का उलटि‍ चलै बाट- (कवि‍ता संग्रह) राम ि‍वलास साहु (लक्ष्‍मि‍नि‍या, मधुबनी), ४. कि‍यो बूझि‍ ने सकल हमरा- (गजल, रूवाइ आ कता संग्रह) ओम प्रकाश झा (भागलपुर), ५. बाप भेल पि‍त्ती आ अधि‍कार- (नाटक) बेचन ठाकुर (चनौरागंज, मधुबनी), ६. हम पुछैत छी- (साक्षात्‍कार) मनोज कुमार कर्ण, मुन्नाजी (रूपौली, मधुबनी), ७. हमरा बि‍नु जगत सुन्ना छै- (गीत-झारू संग्रह) रामदेव प्रसाद मण्‍डल ‘झारूदार’ (ररूआर, सुपौल), ८. क्षणप्रभा- (कवि‍ता संग्रह) शि‍व कुमार झा ‘टि‍ल्‍लू’ (करि‍यन, समस्‍तीपुर), ९. हमर टोल- (उपन्‍यास) राजदेव मण्‍डल (मुसहरनि‍याँ, मधुबनी), १०. मोनक बात- (गजल, रूवाइ आ कता संग्रह) चंदन झाक आ ११म नीतू कुमारीक मैथि‍ली चि‍त्र कथा, ऐ तरहेँ ऐ गोष्‍ठीमे, कुल्‍लम 37टा पोथी लोकार्पित भेल।
     
कथा पाठ आ तइपर समीक्षकक टीप्‍पणी ऐ गोष्‍ठीक वैशि‍ष्‍टय अछि‍। पहि‍ल पालीमे श्रीमती वीणा ठाकुर, आशा मि‍श्र, ज्‍योत्‍सना चन्‍द्रम, श्‍याम भाष्‍करक लघुकथा आ उमेश मण्‍डलक वि‍हनि‍ कथाक पाठ भेल। समीक्षीय टीप्‍पणी भेल। अहि‍ना आगूक पालीमे कथाकार अपन नूतन कथाक पाठ केलनि‍-
बेचन ठाकुर- वेस्‍ट मैडम
लक्ष्‍मी दास- टाइपि‍स्‍ट
चन्‍देश्वर खाँ- नाओल्‍द
अनमोल झा- फाइल, सेयर
मुरलीधर झा- मनुक्‍ख
अभि‍षेक- महापुरुष
रामाकान्‍त राय ‘रमा’- वकवास
रामवि‍लास साहु- घूसहाघर
नारायणजी- छत्ता
शैलेन्‍द्र आनन्‍द- फोरलेन
पवन कुमार साह- अपन रीति‍
सुभाषचन्‍द्र सनेही- बूढ़ी
नन्‍द वि‍लास राय- बाबाघाम
उमेश पासवान- अजाति‍
अशोक कुमार झा- माछक मोटरी
परमानन्‍द प्रभावकर- परि‍वर्त्तन
फूल चन्‍द्र मि‍श्र प्रवीण- परि‍वर्त्तन
दुखमोचन झा- समरथको नहि‍ दोष गोसाई
दुर्गानंद मण्‍डल- कुकर्मा
जगदीश प्रसाद मण्‍डल- अनदि‍ना, बुधनी दादी
शि‍व कुमार मि‍श्र- नापता
शशि‍कान्‍त झा- दूरी
अच्‍छेलाल सास्‍त्री- गामक लोक हलाँकि‍ शास्‍त्री जीक कथाक वाचन मात्र एक पृष्‍ठ सुनला पछाति‍ रोकि‍ देल गेल ई कहि‍ जे ई कथा नै आलेख थि‍क। अमीत मि‍श्र, मुकुन्‍द मयंक, अमलेन्‍दु शेखर पाठक, रौशन झा इत्‍यादि‍ व्‍यक्‍ति‍क कथाक पाठ सेहो भेल आ तइपर टीप्‍पणी गुनजाइश हि‍साबे। टी‍प्‍पणीकार सभ छलाह- फूलचन्‍द्र मि‍श्र रमण, रमानंद झा रमण, भीमनाथ झा, अशोक मेहता, दुर्गानन्‍द मण्‍डल, कमल मोहन चुन्नु, नारायणजी, कुमार शैलेन्‍द्र, जगदीश प्रसाद मण्‍डल, कमलाकान्‍त झा (जयनगर), योगानंद झा इत्‍यादि‍।
आगि‍ला सगर राति‍ दीप जरए’ कमलेश झाक संयोजकत्वमे घनश्‍यामपुरमे होएबाक घोषणा सेहो भेल। दीप आ उपस्‍थि‍ति‍ पुस्‍ति‍का स्‍थानीय संयोजक अरवि‍न्‍द्र ठाकुर कमलेश झाक हस्‍तगत करा गोष्‍ठीक समापनक घोषण केलनि‍। 

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