Saturday, January 28, 2012

बिहारक औद्योगिक विकास मे बाधा बनि रहल जमीन आ बिजली (रिपोर्ट नवेन्दु कुमार झा)

बिहारक औद्योगिक विकास मे जमीन आ बिजलीक कमी पैद्य समस्या बनि रहल अछि। देशक प्रमुख औद्योगिक संगठन ‘‘फिक्की‘‘ द्वारा हालहि मे जारी कयल गेल रिपोर्ट मे कहल गेल अछि जे कतेको पैघ कंपनी बिहार मे निवेशक प्रति रूचि देखौलक अछि मुदा जमीनक स्तर पर निवेश नहि आयल अछि। गोटेक दू तिहाइ उद्यमी प्रदेशकेँ आकर्षक निवेश स्थलक रूपमे नहि देखि रहल छथि। उद्योगक वर्तमान स्तर मे सेहो बेसी सुधार नहि होयबाक कारण एखनो पैघ संख्या मे उद्यमी सभक लेल कारोबार प्रारंभ करब मुश्किल बुझि पड़ैत अछि। रिपोर्टक अनुसार एकर मुख्य कारण जमीन आ बिजलीक कमी मानल जा रहल अछि। प्रदेश मे औद्योगिक जमीनक कमी अछि आ जे जमीन अछि ओ बहुत महग अछि। संगहि एहि ठाम जमीनक रेकार्ड सेहो बहुत पुरान अछि। जाहि सँ जमीन सँ संबंधित विवाद सेहो बेसी अछि। एहि सभ कारण सँ गोटेक 2.5 करोड़ टाकाक निवेश प्रस्ताव होयबाक बावजूद वास्तविक निवेश कम भेल अछि। फिक्कीक अनुसार प्रदेश मे बुनियादी ढाँचाक अभाव आ सरकारी मशीनरीक कमजोर रूख निवेशक गति कमजोर कऽ रहल अछि। रिपोर्टक अनुसार प्रदेश मे बिजलीक कमी निवेशमे बाधा बनि रहल अछि। प्रदेश मे एखनो आवश्यक बिजलीक 90 प्रतिशत बिजलीक खरीद केन्द्रीय पूल सँ भऽ रहल अछि। प्रदेश मे आवश्यक 5500 मेगावाट बिजलीक मोकाबला मात्र 1800 मेगावाट बिजली भेटि रहल अछि। जाहि सँ विनिर्माण इकाईकेँ बिजली नहि भेटि पाबि रहल अछि। फिक्कीक अनुसार पछिला किछु वर्षमे सड़कक मामिलामे प्रदेशमे प्रगति भेल अछि तथापि ओ कम अछि। उत्तर-बिहार आ दक्षिण बिहारक मध्य आबाजाही एखनो मुश्किल अछि। रेलवे लग सेहो आवश्यकताक मोताबिक रैक उपलब्ध नहि अछि। राष्ट्रीय राजमार्गकेँ चारि लेन आ राज्य राजमार्गकेँ दू लेन करबाक संगहि पूर्णियां, भागलपुर, गया आ डेहरीमे मध्यम दर्जाक हवाइ अड्डा बनायब आवश्यक अछि। विकासक गति मे तेजी अनबाक लेल बुनियादी ढांचाकेँ दुरूस्त करबाक आवश्यकता अछि। प्रदेशमे सत्तारूढ़ नीतीश सरकार अपन पहिल कार्यकालमे औद्योगिक विकासक लेल कतेको प्रयास प्रारंभ कयलक जकर परिणाम दोसर कार्यकालमे अयबाक संभावना अछि। एहि वर्ष प्रदेशमे बिस्कुट, कपड़ा, जूट आ वनस्पतिक इकाइ खुजबाक संभावना अछि। फिक्कीक एहि रिपोर्टक बाद सरकार औद्योगिक विकासक गति देबाक दिस ध्यान केन्द्रित कयलक अछि। उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदीक अनुसार सरकार प्रदेशमे औद्योगिक विकासक गतिमे तेजी अनबाक लेल सभ संभव प्रयास कऽ रहल अछि मुदा सभ समस्याक समाधान एकहि बेर होयब संभव नहि अछि। कतेको ट्रांसमिशन लाइनकेँ बदलल जा रहल अछि। नव बिजली-घर बनेबाक संगहि पुरान बिजली घर सभकेँ पुनर्जीवित कयल जा रहल अछि।

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