Friday, August 19, 2011

नवेन्दु कुमार झा/ छात्र संघक चुनावक प्रति उदासीन अछि सरकार/ भाषाई अकादमीक विकासक लेल उठल सरकारक डेग

रिपोर्ताज-नवेन्दु कुमार झा
रिपोर्ताज-


नवेन्दु कुमार झा
अंशकालिक सभाचार वाचक सऽ अनुवादक
मैथिली ’ संवाद’, प्रादेशिक समाचार एकांश
आकाशवाणी , पटना
छात्र संघक चुनावक प्रति उदासीन अछि सरकार
नवेन्दु कुमार झा *
छात्रसंघक अस्तित्व बिहार मे समाप्त भऽगेल अछि । दुर्भाग्य ई अछि जे जाहि छात्र आन्दोलनक माधम सऽ राजनीतिमे अपन पैढ बना सत्ताक कुर्सी धरि पहूचि लालू प्रसाद एखन केन्द्रीय राजनीतिक धुरि बनल छथि हुनक पन्द्रह वर्षक शासन कालमे छात्र संघ चुनावक प्रति ओ उदासीन रहलाह मुदा एखनो छात्र आन्दोलन क कोख सऽ जनमि बिहारक सत्ता संचालन क रहल मुख्य मंत्री नीतीश कुमार आ उप मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी क सेहो एहि प्रति उदासीन रवैया सऽ छात्र सभमे आक्रोश अछि। वर्तमान राजग सरकार तीन वर्षक कार्यकालमे हालाकि कतेको बेर छात्र संघ चुनाव होएबाक सुगुबुगाहट भेल अछि मुदा ओकर सार्थक परिणाम एखन धरि सोझा नहि आएल अछि ।
बिहार सभ विश्वविद्यालयमे प्रति वर्ष नामांकनक समय छात्र संघक नाम पर टाका लेल जाईत अछि । मजेदार बात ई अछि जे पटना विश्वविद्यालय केऽ छोड़ि शायदे कोनो विश्वविद्यालय लग एहि टाकाक हिसाब-किताब उपलब्धा अछि । प्रदेशक छात्र क संग भऽ रहल एहि धोखाधरी पर सरकारक मौन एहि बात क प्रमाण अछि जे ओ छत्र शवित क ताकत केऽ नजर अंदाज कऽ रहल अछि । हालाकि दू वर्ष पहिने राज्यपालक मंजूरिक बाद प्रदेश सरकार छात्र संघ चुनाव करैबाक संकेत देने छल । एहि संदर्भमे सभ विश्वविद्यालय केऽ चुनाव सऽ संबंधित दिशा –निदैश देने छल । मुदा ओ मात्र छात्र सभक आखिमे गर्दा छोकब छल किएक तऽ एहिमे कोनो समय सीमा निर्धारित नहि कएल गेल छल तेँ कतेको विश्वविद्यालय ओहि दिशा-निदैश क किछु बिन्दु पर अपन आपत्ति व्यवत करैत एहिमे सुधारक लेल प्रस्ताव पुन: सरकार केऽ पढा देलक अछि । सरकाक एहि डेगक बाद मात्र भागलपुर विश्वविद्यालयमे चुनाव भऽ सकल । एहि मध्य छात्र संगठन सभ जखन विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्र संघ चुनावक लेल दबाब बनबैत अछि तऽ ओ संशोधित प्रस्ताव क मंजूरिक बहाना बना अपन जिम्मेदारी सऽ मुक्त भऽ जाईत अछि ।
छात्र आन्दोलन रास्ता सत्ताक शिखर धरि पहूँचल बिहारक वर्तमान राजनीतिक नेतृत्व छात्र संघक ताकत केऽ बुझैत अछि । चाहे लालू प्रसाद होथि या कि नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी आ राम विलास पासवान सभ छात्र आन्दोलन उपज छथि । ओ अपन राजनैतिक नेतृत्व केऽ एहि छात्र संघक माध्यम सऽ भेटए बाला राजनैतिक चुनौती सऽ परिचित छथि । तेँ प्रदेशमे कोनो नया नेतृत्व नहि ठाढ़ भऽ सकए ताहि लेल एकटा रणनीतिक अन्तर्गत छात्र संघ चुनाव करैबाक प्रति उदासीन रवैया अपनौने छथि । प्रदेशमे छात्र संघक अंतिम
चुनाव १९८४ मे पटना विश्वविद्यालयमे भेल छल । जाहिमे महासचिवक रूपमे विजयी भेल रणवीर नंदन भारतीय जनता पार्टीक प्रदेश पदाघिकारी छथि । अपन नीजि कम्पनीक रूपमे राजनीतिक दलक उपयोग करै बाला नेता सभकेऽ ई जनतब छनि जे छात्र संघक विजयी प्रतिनिधि भविष्यमे दलक राजनीति मे आवि सकैत छथि ओ हुनका लेल खतरा बनि सकैत छथि तेँ एकर सभ सऽ कड़ गर उपाय छात्र संघ चुनाव नहि कराएब अछि ।
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भाषाई अकादमीक विकासक लेल उठल सरकारक डेग
नवेन्दु कुमार झा
बिघरमे लोक भाषाक समृद्धि आ भाषाक विकासक लेल कतेको भाषाई अकादमी कार्यरत अछि मुदा एहि अकादमी सभक ठेकान पाता लगाएब मुश्किल अछि । बदहालीक मारि झेलि रहल अकादमी सभक जखन विकास नहि भऽ सकल तऽ ओ भाषाक कतेक विकास करत ई सोचब अनुचित होएत । प्रदेशमे कार्यरत मैथिली, मगही , भोजपुरी संस्कृत , बग्ला आ दक्षिण भारतीय भाषा अकादमी एखनो विकास सऽ कोसो दूर अछि जहॉ-तहॉ चलिरहल एहि अकादमी सभ एखन धरि कोनो स्थायी ढेकान नहि अछि ।
न्यायक संग विकासक तीन वर्ष पूरा कऽ चूकल वर्तमान राजग सरकार क नजरि आब एहि अकादमी दिस गेल अछि । एहि संस्थान सभ काम काज पटरी पर अनबाक लेल प्रयास शुरू कएलक अछि । मानव संसाधन विकास विनागक नियंत्रणाधीन एहि संस्थान सभक विकासक लेल एकटा ब्लू प्रिन्ट विभाग द्वारा तैयार कएल गेल अछि । एहि योजनाक अन्तर्गत विभाग एहि भाषाई अकादमी सभमे शोधक काजक संगहि पाण्डुलिपि सभक प्रकाशन आ ओकर बिक्रीक व्यवस्था करबाक योजना बनाओल जा रहल अछि । राजधानी मे जत्र-तत्र चलि रहल एहि संस्थान सभक कार्यालय एक छतक नींचा अनबाक प्रयास सेहो तेजी सऽ चलिरहल अछि ।
सभ भाषाई अकादमी एकहि परिसरमे रहए एहि लेल राजधानीमे स्थलक चयन कएल जा रहल अछि । एहि क्रममे बिहार राष्ट्र्भाषा परिषद् परिसर आ एहि लगमे स्थित संस्कृत विधालयक खाली पड़ल जमीनक चयन कएल गेल अछि । विभाग एहि दूनू स्थान मे सऽ कोनो एकटा स्थान पर सभ भाषाई अकादमीक लेल सुविधा सम्पन्न परिसर बनैबा पर गंभीरत सऽ विचार कऽ रहल अछि । सरकारक मंशा एहि अकासमी सभक उद्देश्य पूरा करब अछि आ एहि क्रममे पहिल प्राथमिकता एहि लेल आधारभूत संरचनाक विकास करब अछि । एकर बाद स्थानीय भाषाक विकास आ शोधक काज शुरू कएल जाएत संगहि पाण्डुलिपि क प्रकाशन आ प्रकाशित पुस्तकक ब्रिक्रीक व्यवस्था कएल जाएत जाहि सऽ एहि अकादमी सभ केऽ आर्थिक रूप सऽ मजगूत बनाओल जा सकए ।
कतेको वर्ष पूर्व जाहि उद्देस्य सऽ एहि संस्थान सभक गठन कएल गेल छल ओहिमे कतबा सफलता भेटल से एहि संस्थान सभक वर्तमान स्थिति केऽ देखि स्पष्ट भऽ जाईत अछि । प्रारंभिक कालमे अपन उद्देश्य दिस बढ़ल एहि संस्थान सभक गतिविधि कतेको वर्ष सँ मंद पड़ल अछि । मात्र किछु गोटेक दरमाहा आ किछु साहित्यकार केऽ महिमा मंडित करए बाला एहि संस्थान सभक गतिविधि सुचाढ रूप सऽ चलैबाक लेल सरकार द्वारा प्रयास प्रारंभ करब स्वागत योग्य अछि । ज्यो एहि दिस सरकार इमानदारी सऽ प्रयास कएलक तऽ कतेको लर्ष्ध साहित्यकारक दुर्लभ पाण्डुलिपि पुस्तककार रूपमे साहित्यप्रेमीक सोझा आओत आ भाषाक विकासक रास्ता भेटत । शोध आदिक काज शुरू भेला सऽ भाषाक संदर्भमे नव-नव जनतब सेहो सोझा आओत जकर लाभ साहित्यक शोधार्थी आ छात्र सभ केऽ भेटि सकत । (साभार विदेह www.videha.co.in)

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