Saturday, August 20, 2011

ज्योति सुनीत चौधरी यूके मे भेल 2011 के वार्षिक मिथिला सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक विवरण :

ज्योति सुनीत चौधरी
यूके मे भेल 2011 के वार्षिक मिथिला सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक विवरण :
बहुत गर्वक बात अछि जे अपन माटि सऽ दूर रहितो यू के मे रहैवला मैथिल सब. जाहिमे बेसीतर दम्पति कार्यरत छैथ. अपन कला आ संस्कृतिके प््राति सम्मानक भाव जीवित रखने छैथ।जाहि भव्य रूपे तेसर बेरक मैथिल वार्षिक समारोह 9 अप््िराल 2011 क स्लाऊमे सम्पन्न भेल हमरा सबके अपन संस्कृतिके स्वर्णिम युगक प््राारम्भ नजदीके बुझबाक चाही।
कार्यक्रमक प््राारम्भ कल्पनाजी. जे लॉयड्स बैंकमे कार्यरत छैथ के मधुर वाणी सऽ स्वागत सम्भाषण सऽ भेल।कल्पनाजी स्वयम् भागलपुरके छैथ आ मैथिली उच्चारणमे पारंगत नहिं छैथ मुदा हुन्कर प््रायास आ अभ्यास सऽ ओ कठिन शब्दके तेहेन सहजता सऽ बजली जाहि लऽ कऽ हुन्का मिथिला के ‘कैटरीना कैफ’ कहल जा सकैत छैन। तकरबाद डॉक्टर जी डी झा सबके आर्शीवचन के संग एक भजन “जनक नन्दिनी मॉं” सुनेलखिन।पारूलके गायत्रीमन्त्र पर भरतनाट्यम् आ पारूल आ वत्सलाके ‘सुनु सुनु रसिया’ पर राधाकिसनक रूपमे नृत्य बड़ मनमोहक छल।फेर मिथिला संस्कृति पर मधुबनी ्र मिथिला पेण्टिग के माध्यम सऽ एक पावरप्वाइंट प््रोजेन्टेशन प््रास्तुत कैल गेल।फेर सबसऽ गर्वक समय छल मुख्य अतिथि आदरणीया डॉक्टर शेफालिका वर्मा जीके परिचय।
किछु डॉक्टरसब अपन अपन अवैतनिक रूपसऽ कैल गेल सामाजिक कार्य आ चिकित्सा सुविधाक अभाव. विकासक आवश्यकता आ सम्भावना पर बहुत ज्ञानपूर्ण पावरप्वाइंट प््रास्तुतिकरण केलैन। डॉ अरूण झा ह्यसेण्ट अलबन्सहृ मानसिक रोग . सामान्य चिकित्सा तथा स्त्री शिक्षा पर बजला । डॉ रीता झा सबके मोन पारलखिन जे पानि. बिजली आ पौष्टिक आहारक उपलब्धता कतेक पैघ सौभाग्य अछि।हुन्कर प््रास्तुतिकरणमे गर्भावस्थामे होयवला मृत्युक कारण पर सेहो जोर देल गेल छल।डॉ रामभद्रजी शल्य चिकित्साक कौशल्य विकास पर सेहो बजला।
अध्यक्ष डॉ अरूण झा ह्यबर्नलेहृ मैथिल साहित्यिक संस्था यूके के आर्थिक दशा पर अपन वक्तव्य देला।नब सदस्यसबहक स्वपरिचय के बाद मुख्य अतिथि अपन सुभाषण के प््राारम्भ ‘हरसिंगार’ के पंक्ति स केली जाहिमे हुन्कर नाम ‘शेफालिका’ राखैके कारण व्यक्त छल।हुन्कर भाषणमे विदेहके सबसऽ प््राचलित आ लोकप््िराय मैथिली पत्रिकाके रूपमे चर्चा भेल।कहैके आवश्यकता नहिं जे अहि पत्रिका के सम्पादक महोदयके सेहो प््राशंसा भेलैन।मुख्य अतिथिके फूल आदि उपहार देलाक बाद “विदेशमे रहै वला नबका दोसर पीढ़ी अपन संस्कृति बिसरि रहल छैथ” ताहि विषय पर वार्द विवाद प््रातियोगिता भेल।भाषा मैथिली तक सीमित नहिं छल कारण किछु बुद्धिजीवी नब पीढ़ीक लोक मैथिली बाजैमे असमर्थ छलैथ आ हुन्कर सबहक विचार बहुत महत्वपूर्ण छल।बहुत नीक विचारविमर्श छल मुदा सबहक निष्कर्ष किछु हद तक निराशाजनक छल जे ठीके हमसब अपन संस्कृति बिसरि रहल छी।मुदा अन्तमे एकटा खट्टरकक्काके प््रासंग ‘मिथिला संस्कृति’ पर हास्य नाट्य प््रास्तुत कैल गेल जाहिके संवाद बहुत तर्कसंगत आ विषय स सम्बद्ध छल।
फेर नाच गान करैलेल बच्चा सबके मिथिला पेण्टिग सऽ बनल प््रामाणपत्र देलगेल।वाद विवाद जीतनाहरके मिथिला पेण्टिग छपल टी कप देल गेल। श्रीमती माला मिश्रा. डॉ वीणा झा. डॉ विभाष मिश्र. श्रीमती अनीता चौधरी द्वारा प््रास्तुत गीत नादक कार्यक्रम सेहो बड्ड मनोरंजक छल।कविता पाठ सेहो भेल। अध्यक्ष दम्पत्ति. सचिव दम्पत्ति. कोषाध्यक्ष दम्पत्ति के संग विभाषजी सपरिवार बड्ड प््रायास केने छलैथ अहि कार्यक्रमके सफल करैमे ताहि कारणे विशेष धन्यवादक पात्र छैथ। आशा करैत छी नब अध्यक्ष आ नब सदस्यगण अकरा आर ऊपर लऽ जेता ।कार्यक्रमके चित्र लेल www.maithili.co.uk वेब साइट देखू। (साभार विदेह www.videha.co.in)

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