Friday, August 19, 2011

मुन्ना जी 2. अप्पन आंगनमे ठाढ़ आइ हम अपने घरकेँ ताकि रहल छी।

मुन्ना जी
2. अप्पन आंगनमे ठाढ़ आइ हम अपने घरकेँ ताकि रहल छी।
3.
4. उपरोक्त पाँती युवा कवि मनोज कश्यप जीक गजलक अंश थिक। जे “मैथिली-बोजपुरी कविता उत्सव 2011”क अवसरपर 24 जनवरी 2011केँ दिल्लीक आइ.टी.ओ. स्थित आजाद भवनमे पढ़ल गेल छल।
5. ऐ अवसरपर मैथिली-बोजपुरीक आठ-आठ (कुल सोलह) गोट कवि अपन रचना पाठ कयलनि। कविगोष्ठीक शुरोआत मैथिलीक युवा कवि श्री कुमार शैलेन्द्र जीक कविता पाठसँ भेल। श्री कुमार द्वारा पठित दु गोट कवितमे ‘चिट्ठी आ गाम’ बेशी प्रभावित केलक- इ मे कवि गामक विस्मृतिकेँ सेलफोनमे समाहित होइत आ थोड़वेमे गप्प के सिमटि जेवाक बाद गामक पिछला जीवन स्मरण मात्रे जीवाक सुन्दर व्याख्या केलनि- एक बानगी देखल जाओ- “आव गामेसँ चिट्ठी नहि अवैछ, सेलफोनेपर भऽ जाइछ गप्प। पहिने चिट्ठीमे गामक वर्णन होइत छलै आव सेलफोनपर होइत छैक कुशलक्षेम मात्र”।
6. तकर पछाति गोटा गोटी सात गोट कवि अपन पद्य विधाक अनेको प्रकारक रचनाक पाठ केलनि। जाहिमे रविन्द्र लालदास पहिले सब बेर जकाँ अहू बेर ‘क्षणिका’, जकरा ओ तुरंत नामे लिखै-पढ़ै छथिकेँ सुनौलनि सबटा तुरंता मार्मिक आ प्रासंगिक छल मुदा श्रोताक सिरखारी देखि श्रोता गणक मानसिक परिपक्वता बेलरता छल। सब गप्पकेँ अर्थकेँ श्रोता देरीसँ बुझलक आ बुझबे नहि केलक। तकर पछाति ‘कुमार मनोज कश्यप’ अपन ‘गजल’ पढ़लनि जाहि माध्यमे ओ जिनगीक नव विहानकेँ तकवाक आ अपने आंगनमे पड़ौआ सन बनि जेवाक सटीक चित्रण केलनि- देखल जाओ इ पाँतीकेँ “धज्जी रातुक स्याह आँचरमे , अहलभोरकेँ ताकि रहल छी,
7. अप्पन आंगनमे ठाढ़ आइ हम अपने घरकेँ ताकि रहल छी,,
8. बेरा-बेरी प्रतिष्ठित, प्रौढ़ कवि सब अपन अपन रचना पाठ केलनि जाहिमे प्रमुख छलाह सुकांत सोम (पटना) राम लोचन ठाकुर (कोलकाता) प्रो. शेफालिका वर्मा दिल्ली। कार्यक्रम मनलग्गु कम आ त्रुटिगत वेशी देखाएल।
9. पहिल बात जे इ अकादमीक स्थापने कालसँ चलि आबि रहल अछि जे पूर्ण स्थापित, समर्थ, सजग मैथिलीके शैशव, हाशियापर आ फुहड़पनक द्योतक भोजपुरी अपन अकादमीय आ मंपीय सामर्थे एकरा (मैथिली) गरोसि लैह। कखनो-कखनो तऽ दृऍष्टिगोचर होइछ जेना भोजपुरी मैथिलीकेँ काँचे घोटि एकरापर सवार भऽ जाइछ। जे अहू कार्यक्रममे पूर्णतः देखाएल। ओना अकादमीक सचिव श्री रविन्द्र श्रीवास्तव ‘परिचय दास’ जी दुनूक समन्वयनक वास्ते आंशिक आ असफल प्रयास करैत रहैत छथि। कविगणमे नवतुरक समिलताक बेगरता देखल गेल। कुल मिला कऽ सरकारी आयोजनक खानापुर्त्ति स्पष्ट परिलक्षित होइत रहल। इ कार्यक्रमक अध्यक्षता मैथिलीक प्रख्यात कवित्री शांति सुमन आ मंच संचालन भोजपुरी कवि रविन्द्र श्रीवास्तव उर्फ जुगानी भाइ केलनि। इ कार्यक्रमकेँ सरकारी तौरपर मजगुती देखल गेल दिल्ली सरकारक राजभाषा मंत्री डॉ. प्रो. किरण वालिया जीक उपस्थितिसँ। किएक तऽ हुनकर उपस्थितिक पछाति सचिव, संचालक आ किछु कविगण हुनकर स्वागतगाणक राग अलापैत एना देखल गेला जे किछु काल धरि इ आयोजन अकादमीक नहि कोनो विशेष राजनैतिक पार्टीक आयोजनक भ्रम जनमा देलक। बेगरता देखाएल ऐ सभसँ उबरबाक स्वतंत्र साहित्यिक माहौलक।।(साभार विदेह www.videha.co.in)

No comments:

Post a Comment