Friday, January 9, 2009

नवेन्दु कुमार झा

नवेन्दु कुमार झा
आब प्रवासक आश-
कोसी क्षेत्रमे आएल भीषण बाढ़िसँ ई क्षेत्र तबाह भऽ गेल अछि। वर्तमान परिदृश्य महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणुक “परती परिकथा” दिस लोक ध्यान खींचि रहल अछि। कोसीक मारि सहैत कतेको लाखक आबादीकेँ ओहि दिन राहत भेटल छल जखन कि बिहारक शोक कहल जाएवाला नदी कोसीपर तटबंधक निर्माण भेल छल। आशा जागल जे ई क्षेत्र आब सोना उगलत। ई भेबो कएल। मुदा १८ अगस्त २००८ केँ पूरा परिदृश्य बदलि गेल। सरकारक लापरवाही चाहे ओ केन्द्र सरकारक हो कि राज्य सरकारक ई क्षेत्र एक बेर फेरसँ बालूक ढेर बनि गेल। जे नदी एहि क्षेत्रकेँ बसौलक ओहि नदीक कारण एक बेर फेर क्षेत्र विरान भऽ गेल। विकास दौरसँ ई क्षेत्र चलि गेल पचास वर्ष पाछाँ।
एशिया क्षेत्रमे सभसँ उपजाऊ मानल जाएबला एहि क्षेत्रमे एखन बाँचल अछि तँ ओऽ छथि अपन घर-घरारी छोड़ि शरणार्थी बनल बाढ़ि पीड़ित आ पसरि रहल बिमारी आ बाँचल अछि जिनगी कटबाक आशा। मलेरिया सन महामारीक लेल बदनाम एहि क्षेत्रमे किछु वर्षसँ जे हरियरी देखाइत छल ताहिपर पानि पसरि गेल। गहूम, मकई आ धानक लहराइत खेत देखबाक चिन्तामे लागल अछि लोक। खेतीपर निर्भर एहि क्षेत्रक अर्थव्यवस्थापर जे घाव भेल अछि से कतेक दिनमे भरत से निश्चित नहि बुझि पड़ैत अछि।
ओना तँ एहि क्षेत्रक एकटा पैघ आबादी एखनो प्रवासी छल मुदा जे एखन छलाह तिनको ई बाढ़ि प्रवासी बनबापर विवश कएलक अछि। खेतीक बाद जाहिसँ एहि ठामक अर्थव्यवस्था चलैत छल ओ अछि मनीआर्डर। मनीआर्डरक भरोसे लोक कहुना जिनगी कटैत छल। आब ओकरो अपन जिनगी पहाड़ लागि रहल अछि। राहत शिविर आ सुरक्षित स्थानपर शरण लेने एकटा पैघ आबादीकेँ अपन भविष्य प्रवसी बनबामे बुझि पड़ैत अछि। ओऽ आब बिचारि लेने अछि जे घर गृहस्थीकेँ पटरीपर आनब बिनु प्रवासी बनने संभव नहि अछि। कोसी क्षेत्रक कतेको रेलवे-स्टेशनपर लगातार बढ़ि रहल भीड़ एकर प्रमाण अछि। कतेको माय-बाप-भाइ-बहिन अपन-अपन परिजनकेँ घर-घरारीक चिन्ता नहि करबाक आशा देआ प्रदेशक लेल बिदा कऽ रहल छथि। किएक तँ जिनगी कटबाक एकमात्र रास्ता ओकरा मनीआर्डर बुझि पड़ैत अछि। एहि ठाम तँ सभ किछु उजड़ि गेल अछि। आब एकमात्र आशा प्रवासी बनि रहल परिजनक मनीआर्डर मात्र अछि जाहिसँ फेरसँ घर गृहस्थीकेँ पटरीपर आनल जाऽ सकैत अछि। ओकरा एहि बातक कोनो चिन्ता नहि अछि जे देशक कतेको भागमे बिहारी सभक विरुद्ध गतिविधि चलाओल जा रहल अछि। ओऽ तँ आब ई मानि लेलक अछि जे एहि ठाम एखन कोन जिन्दा छी जे प्रदेशमे कोनो अनहोनी घटनाक शिकार भऽ जाएब। ई एहि बातक प्रमाण अछि जे पेट आगिक सोझाँ प्रदेशमे होमए वाला कोनो तरहक अनहोनीक कोनो मोल नहि अछि। अपन आँखिसँ कोसीक धारमे बहैत अपन लोक, आर-परोस आ परिचितक लहाससँ एहि क्षेत्रक लोक हृदय पाथर भऽ गेल अछि। बाँचल जिनगी कटबाक लेल मृत्युक सामना करएसँ आब कोनो घबराहटि ओकरा नहि छै।
कोसीक तटबन्ध टुटलाक बाद आब सरकारी स्तरपर जाँच, कार्वाई आ आयोगक गठन आदि खानापूर्ति भऽ रहल अछि आ होएत एहिसँ ओकरा कोनो माने मतलब नहि रहि गेल छै। आब चिन्ता छै तँ बस अपन घर-घरारी बसेबाक आ अपन परिवारक भविष्य रक्षा करबाक। बाढ़ि पीड़ितक लहासपर राजनीति, राहत आ बचाव काजक नामपर सरकारी खजाना लुटाएत, वोटक लेल गोलबन्दी होएत मुदा अगिला साल फेर कोसीक तांडव नहि होएत आ राजनेता, अधिकारी आ सरकार अपन जिम्मेदारी निर्वाह करताह एकर कोनो गारंटी नहि अछि।

बिहारमे क्रिकेट

भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा बिहारकेँ एसोसिएट सदस्य बनेबाक घोषणाक बाद क्रिकेट खिलाड़ी आ क्रिकेट प्रेमीक मध्य खुशीक लहरि पसरल अछि। मुदा प्रदेशमे कतेको वर्षसँ असली संघ होएबाक दावा करएवला क्रिकेट संघक मध्य वाक युद्ध तेज भऽ गेल अछि। बिहारमे एखन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादवक नेतृत्व बला बिहार क्रिकेट एसोसिएशन, पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजादक नेतृत्व बला एसोसिएशन आफ बिहार क्रिकेट तथा पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सभक क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार सक्रिय भऽ अपन-अपन संघक मान्यता देएबाक प्रयास कऽ रहल छल। झारखण्ड प्रदेश अलग भेलाक बाद क्रिकेट एसोसिएशनक सेहो बँटवारा भेल। मुदा न्यायालयक लड़ाइक चक्करमे छह वर्षसँ बिहारक प्रतिभाशाली कतेको क्रिकेटरकेँ अपन प्रतिभा देखेबाक अवसर नहि भेटि सकल छल। लालू प्रसादक नेतृत्व बाला बी सी ए केँ कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा मान्यता देबाक घोषणाक संगहि एक बेर फेर विवाद बढ़बाक संभावना देखाई दऽ रहल अछि किएक तँ कीर्ति आजादक नेतृत्व वाला एबीसी एहि मामलाकेँ न्यायालयमे लऽ जएबाक बात कहलक अछि।
वर्ष दू हजार एक मे बी. सी. सी. आइ. क तात्कालिक अध्यक्ष ए.सी.मुथैय्या द्वारा लालू प्रसादक बी.सी.ए.केँ बोर्डक पूर्ण सदस्यता बहाल कएने छल मुदा तकर बाद बी. सी. ए. क सचिव द्वारा जगमोहन डालमियाक विरुद्ध मतदान करबाक कारण श्री डालमिया अध्यक्ष बनिते बिहारकेँ पूर्ण सदस्यता समाप्त कऽ देलनि आऽ तहियासँ क्रिकेट खिलाड़ी आऽ क्रिकेट प्रेमी सदस्यताक बहाली करबाक लेल संघर्ष करैत छलाह। एहि मामिलाक जल्दी निपटारा करबाक बदला गुटमे बटल क्रिकेट संघ अपना-अपना केँ असली क्रिकेट चिन्तक जनबैत न्यायालयक पीचपर लड़ाई लड़ैत छलाह आ एहि बहाने कन्ट्रोल बोर्ड एहि मामिलापर मूकदर्शक बनल रहल जाहिसँ प्रतिभाशाली क्रिकेटरक नोकसान भेल।
बोर्डक ७९म वार्षिक आम बैसकमे बिहारकेँ भेटल मान्यतासँ बिहारक क्रिकेट प्रेमी राहत महसूस कऽ रहल छथि। हालाँकि जाऽ धरि पूर्ण सदस्यक मान्यता नहि भेटत खिलाड़ीक संग न्याय नहि होएत। एखन बिहारकेँ बोर्ड द्वारा आयोजित १७, १९ आऽ २२ वर्षक वाला प्प्रतियोगितामे भाग लेबाक अवसर भेटत। बोर्ड आर महत्वपूर्ण प्रतियोगिता रणजी ट्राफी आदिमे ओ तखनहि भाग लऽ सकत जखन कि पूर्ण सदस्यता भेटि जाएत। बोर्डक एहि निर्णयपर अपन प्रतिक्रिया व्यक्त करैत बी.सी.ए.क कोषाध्यक्ष अजय नारायण शर्मा कहलनि अछि जे एहिसँ बिहारक खिलाड़ीकेँ प्रतिभा देखएबाक अवसर भेटत। एखन धरि जे नोकसान भेल अछि ओकरा पूरा करबाक प्रयास लालू प्रसादक सहयोगसँ करब। दोसर दिस कीर्ति आजादक नेतुत्व बाला ए.बी.सी. बोर्डक एहि निर्णयसँ असंतुष्ट अछि। एसोसिएशनक महासचिव मिथिलेश तिवारी कहलनि अछि जे बोर्ड द्वारा गठित तीन सदस्यीय स्टीयरिंग कमिटि जखन ए.बी.सी.केँ प्रदेशमे क्रिकेट गतिविधिक संचालनक जिम्मेदारी देने छल तँ बोर्ड द्वारा पक्षपात कएल गेल ई निर्णय अस्वीकार अछि आ एकर विरुद्ध न्यायालयक शरणमे जेबाक अलावा कोनो उपाय नहि अछि। ओ दुर्गापूजाक बाद ए.बी.सी.क विशेष आम सभा बजेबाक बात सेहो कहलनि अछि।
देरीसँ सही बिहार क्रिकेटकेँ आधा न्याय तँ भेटल अछि। आब १९३५क बिहार क्रिकेट एसोसिएशनक बँटवाराक बात सेहो होएत। जाहि तरहेँ राज्यक सभ किछुक बँटवारा भेल तहिना बी.सी.ए. जकर मुख्यालय जमशेदपुरमे छल, बँटवारा होबाक चाही। सभ क्रिकेट संघकेँ अपन हठधर्मिता छोड़ि प्रदेशमे क्रिकेटक गतिविधिकेँ पटरीपर अनबाक प्रयास करबाक चाही। ज्योँ फेर विवाद उठल तँ एक बेर फेर क्रिकेटपर ग्रहण लागि जाएत। आब क्रिकेटक मठाधीश संघर्ष छोड़ि भारतीय टीममे बिहारक प्रतिनिधित्व देयबाक संगठित भऽ प्रयास करथि जाहिसँ बिहारमे क्रिकेटक भविष्य बनि सकए।(साभार विदेह www.videha.co.in )

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